– जिन यात्रियों के पास E-passport होते है उन्हें लंबे समय तक कतार में खड़े होने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसमें RF technology का इस्तेमाल किया जायेगा जिससे कुछ ही सेकंड में स्कैन किया जा सकता है। और यात्री की जानकारी को जाँच करी जा सकती हैं. – इस passport में व्यक्तियों का बायोमेट्रिक रिकॉर्ड होता है। इसलिए, यह धोखेबाजों को डेटा चोरी करने और डुप्लीकेट पासपोर्ट बनाने से रोकेगा। – E-passport में छेड़छाड़ करने पर, chip में save प्रमाणीकरण विफल हो जाएगा। – इस passport से कोई data मिटा नहीं सकता।
– भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-कानपुर। (Indian Institute of Technology Kanpur) – राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी)। (National Informatics Centre) – भारत सुरक्षा प्रेस और विदेश मंत्रालय के अधिकारी। (India Security Press and the Ministry of External Affairs officials)
भारत में इलेक्ट्रॉनिक डेटा चिप वाला ई-पासपोर्ट normal passport की तुलना में अतिरिक्त सुरक्षा देता है। यह पासपोर्ट को उसके मूल मालिक से बेहतर तरीके से जोड़ता है और जालसाजी को रोकता है। आम तौर पर, एक Normal Passport या Machine readable passport (MRP) में मालिक के बारे में मुद्रित जानकारी वाले डेटा पृष्ठ होते हैं जिन्हें एक ऑप्टिकल रीडर स्कैन कर सकता है।
India में सबसे पहले E-passport कब यूज़ करा गया?